मदारन देवी के दिव्य धाम मे आज भी आते है अपराजय योध्दा आल्हा

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खुले आसमान के नीचे पर्वत पर विराजमान है मदारन देवी
(नितेन्द्र झाँ)
महोबा । बुंदेलखंड में मशहूर मदारन देवी माता का मंदिर सैकड़ों वर्षो से आज भी भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। खुले आसमान के नीचे विराजतीं मदारन माता का नाम भी मदारन माता इसीलिए पड़ा कि वह चंदेल रानी मलहना की आराध्य देवी थी ऐसी कथा प्रचलित है। लोगों का ऐसा भी कहना है कि वीर योद्धा आल्हा प्रतिदिन माँ की पूजा करने आते है और प्रमाण के तौर पर ताजे पुष्प चढे आज भी मिलते है। माता मदारन देवी एक पर्वत पर विराजमान है और ऐसी मान्यता है कि मंदिर में रात्रि में कोई नहीं रुक सकता, जिसका आज भी पालन किया जा रहा है। माँ खुले आसमान के नीचे विराजतीं हैं और यहां आने वाले अपने सभी भक्तों पर समान रूप से कृपा बरसाती है।
जब बुंदेलखंड में डाकुओं के गैंग सक्रिय थे तब मन प्यारे नामक डाकू यहां आकर माता रानी की सेवा और यहां के घने जंगलों में शरण लिया करता था। धीरे धीरे इस मंदिर की प्रसिद्धि बढी़ और मंदिर पर क्षेत्र का विकास भी हुआ ,परंतु माता रानी आज भी खुले आसमान के नीचे बैठकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करतीं हैं।

: नितेन्द्र झा जी

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