परमा एकादशी - जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में

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परमा एकादशी - जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में- 

अधिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना के लिए व्रत किया जाता है। उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 11 अगस्त को रखा जाना चाहिए। लेकिन तिथि क्षय होने के कारण परमा *एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा*। इस साल परमा एकादशी व्रत 12 अगस्त 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। वैसे हर माह की एकादशी पूजा-पाठ के लिए उत्तम मानी जाती है, लेकिन परमा एकादशी का महत्व कुछ ज्यादा होता है, क्योंकि यह व्रत अधिक मास में होने की वजह से तीन साल में एक बार आता है। परमा एकादशी का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि की कामना व मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं परमा एकादशी की पूजा विधि और महत्व...  


*🌹परमा एकादशी का महत्व* :

वैसे तो प्रत्येक एकादशी व्रत जीवन में सुख-समृद्धि की कामना व मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है लेकिन परमा एकादशी का महत्व खास होता है, जो जातक गरीबी के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं या मृत्योपरांत मोक्ष की कामना रखते हैं उनके लिए परमा एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। 


*🌹परमा एकादशी व्रत 2023* :

सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 11 अगस्त को प्रातः 05 बजकर 06 पर शुरू हो रही है। इसका समापन 12 अगस्त सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर होगा। परमा एकादशी व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का समय सुबह 07 बजकर 28 मिनट से सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक है।  


*🌹परमा एकादशी 2023 व्रत पारण का समय* :

परमा एकादशी व्रत के पारण का समय 13 अगस्त 2023, दिन रविवार को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक है।  


*🌹परमा एकादशी व्रत और पूजा विधि* :

परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर और स्नानादि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु का पंचोपचार विधि से पूजन करें। निर्जला व्रत रखकर विष्णु पुराण का श्रवण या पाठ करें। इस दिन रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। इन दिन दान-दक्षिणा जरूर करें। द्वादशी के दिन प्रात: भगवान की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें|

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